बुधवार, 30 अगस्त 2017

वीर शहीदों को नमन...

जिसका मुकुट हिमालय ,
पैरो को धोता सागर ।
विश्व-गुरु जो मार्ग दिखाए ,
खतरे में है उसका आँचल ।।


हत्यारा गजनी ने लुटा ,
भारत माँ के गहनों को ।
देश में बैठे जयचंदो ने ,
बेच दिया अस्मत मुगलो को ।।


व्यापारी बन आये इंग्लिश ,
पुर्त और फ्रांसीसी आये ।
पीठ में छुरा घोप हमारे,
कर दिया देश परतंत्र ।।


वीर शहीद जवानों ने,
आजादी के मतवालो ने ।
खून से सींचा आँचल माँ के ,
कर दिया देश स्वतंत्र ।।

द्वारा- अनुराग मिश्र

भारत का इतिहास बहुत ही कम शब्दों में
वीर शहीदों को नमन - जय हिंद
देश मे कितने आततायी अंग्रेज आये लेकिन भारत के संप्रभुता अखंडता को कुछ कर नही पाए। देश के शहीदों ने अपनी बलिदानी देकर देश को सुरक्षित किया। जय हिंद


यह स्वरचित रचना 15 अगस्त 2015 को लिखा था । भारत के इतिहास को कुछ चंद पंक्तियों में लिखने का एक छोटा प्रयास है। अगर समझ आ जाये तो शहीदों के नाम एक जय हिंद अवश्य लिखे।

जय हिंद ।।