गुरुवार, 26 मार्च 2020

कोरोना वायरस क्या है ???

परिचय :-
कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है। गाय और सूअर में इनके कारन अतिसार हो सकता है जबकि इनके कारण मुर्गियों के ऊपरी श्वास तंत्र के रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या विषाणुरोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है ।

कोरोना वायरस (चित्र गूगल से लिया गया है )

लक्षण:-
कोरोना वायरस सके लक्षण निम्नवत है -
१. बुखार
२. श्वास लेने में दिक्कत
३. छाती में जकडन
४. नाक बहना
५. सिरदर्द
६- अस्वस्थ महसूस होना
७, निमोनिया

विस्तार:-
कोरोना वायरस ( Coronavirus ) एक जानलेवा महामारी बन चुका है। ये वायरस चीन के वुहान शहर से निकलकर पूरी दुनिया में फैल चुका है। कोरोना वायरस ( COVID-19 ) ने चीन, अमेरिका, इटली, दक्षिण कोरिया, ईरान, ब्रिटेन, जापान आदि देशों में कहर बरपा रखा है।

सावधानियाँ:- 
१. कोरोना से प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में न आना
२. यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति है तो पुलिस को सूचित करना
३. हाथ हैण्ड वाश करते रहना
४. कही निकलने या किसी को छूने के बाद हैण्ड वाश
५. मास्क का प्रयोग

21 दिन का लॉकडाउन:-
भारत में कोरोना वायरस के लिए प्रारम्भिक स्तर पर एक दिन के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने घर पर रहकर कर्फु के लिए लोगो से मदद मागी लेकिन इसके उत्तरोत्तर वृद्धि के कारण २४ मार्च को २१ दिन (24 मार्च से 14 अप्रैल) की शाम 6 बजे के लिए पूरे भारतवर्ष में लॉकडाउन की घोषणा माननीय प्रधानमन्त्री जी ने किया । इसके साथ ही राज्यों के प्रशासन से भी अपेक्षित सहयोग करने को कहा गया। यह लॉकडाउन कोरोना वायरस को तीसरे चरण में रोकने के लिए किया गया है । इस सक्रमण के मद्देनजर २२ मार्च से ३१ मार्च तक रेलवे का परिचालन ठप्प कर दिया गया है।

आवश्यकता :-
भारत जो कि बहुत जनसंख्या वाला देश है लेकिन आज भी आजादी के 8 दशक पूरा होने के पश्चात् स्वास्थ्य सेवाओ में बहुत ही पीछे है । आज भी भारत देश में कोई आपदा आ जाती है तो उसको वैज्ञानिक स्तर पर रेस्क्यू करने मे बहुत ही असुविधाओ से गुजरना पड़ता है । इसके साथ ही लोगो में बहुत ही जागरूकता का आभाव है । 
इसके अतिरिक्त लोगो में देश-हित की भावना का आभाव है क्योकि किसी भी विपदा में व्यक्ति अपनी हुंडी भरने में व्यस्त हो जाता है । जो कि देश के लिए बहत ही घातक है 

आपातकालीन सेवाए :-
भारत सर्कार द्वारा जारी +91-9013151515 व्हाट्स एप द्वारा कोरोना सम्बंधित जानकारी प्रदान करता है ।
इसके लिए किसी भी समय आपातकालीन नम्बर 011-23978046 एवं टोल फ्री नंबर  1075 या ईमेल ncov2019@gov.com द्वारा संपर्क क्रर सकते है ।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के हेल्पलाइन नंबर

1 आंध्र प्रदेश 0866-2410978
2 अरुणाचल प्रदेश 9436055743
3 असम 6913347770
4 बिहार 104
5 छत्तीसगढ़ 104
६ गोवा १०४
7 गुजरात 104
8 हरियाणा 8558893911
9 हिमाचल प्रदेश 104
10 झारखंड 104
११ कर्नाटक १०४
12 केरल 0471-2552056
13 मध्य प्रदेश 104
14 महाराष्ट्र 020-26127394
15 मणिपुर 3852411668
16 मेघालय 108
17 मिजोरम 102
18 नागालैंड 7005539653
19 ओडिशा 9439994859
20 पंजाब 104
21 राजस्थान 0141-2225624
22 सिक्किम 104
23 तमिलनाडु 044-29510500
24 तेलंगाना 104
25 त्रिपुरा 0381-2315879
26 उत्तराखंड 104
27 उत्तर प्रदेश 18001805145
28 पश्चिम बंगाल 1800313444222, 03323412600,

केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के हेल्पलाइन नं -
1 अंडमान और निकोबार
द्वीप
03192-232102
2 चंडीगढ़ 9779558282
3 दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव 104
4 दिल्ली 011-22307145
5 जम्मू और कश्मीर 01912520982, 0194-2440283
6 लद्दाख 01982256462
7 लक्षद्वीप 104
8 पुडुचेरी 104

बुधवार, 25 मार्च 2020

माँ अलोपी देवी @ माँ अलोपशंकरी प्रयागराज

माँ अलोपी देवी (अलोपशंकरी)

माँ अलोपी देवी (picture taken by google)
इतिहास :- 

पौराणिक कथा के अनुसार राजा दक्ष यज्ञ  में भगवान शिव की निंदा सुनकर माता सती ने प्राण त्याग दिए , तब उनके मृत शरीर को लेकर देवाधिदेव क्रुद्ध होकर तांडव नृत्य करने लगे । शिव को शांत करने के लिए श्रीनारायण ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भाग में काट दिया । सती का अंग जहां - जहां गिरा वह शक्तिपीठ के रूप में आज भी पूजे जाते हैं ।

स्थान :- 

संगम से कुछ दूरी पर विशेषता  स्थित अलोपीबाग मुहल्ले  में मां अलोपशंकरी का प्राचीन महाशक्ति  पीठ मंदिर है । यह एक ऐसा खास मंदिर है, जहां कोई मूर्ति नहीं रखी गई है। पुराणों के अनुसार, यहां मां सती के दाहिने हाथ का पंजा एक कुंड में गिरकर लुप्त हो गया था। अतः यह मंदिर मां शक्ति के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहां मां भगवती के पालने की  पूजा अलोपशकरी के रूप में होती है ।   वर्तमान समय में मंदिर प्रबंधन की जिम्मेदारी महानिर्वाणी अखाड़ा के पास है ।

विशेषता:-  

अलोपशकरी मंदिर में भक्त मंदिर में स्थित पालने पर मत्था टेककर पूजा करते हैं ।यह प्रसिद्ध शक्ति पीठ है और इस कुंड के जल को चमत्कारिक शक्तियों वाला माना जाता है। अलोपी देवी के मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। मान्यता है कि यहाँ कलाई पर रक्षा सूत्र बाँधकर मन्नत माँगने वाले भक्तों की हर कामना पूरी होती है और हाथ में धागा बंधे रहने तक देवी उनकी रक्षा करती हैं।  नवरात्र में यहां मां का श्रृंगार तो नहीं होता उनके स्वरूपों के अनुसार पाठ किया जाता है । हर सोमवार व शुक्रवार को विशाल मेला लगता है । यहां दूर - दूर से आकर भक्त मुंडन व नक , कर्ण छेदन कराते है ।

वास्तुकला :-

माँ  का मंदिर श्रीयंत्र पर आधारित है । मंदिर का विशाल गुंबद हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है । मन की  मुराद पूरी करने के लिए भक्त नवरात्र के दौरान व्रत , पूजन से  शक्ति स्वरूपा मां भगवती की आराधना करेंगे ।

कैसे पहुँचे :-

यदि आप प्रयागराज जंक्शन पर है तो शहर के तरफ से JUNNRM या टैक्सी से अलोपशंकरी तक पहुच सकते है इसके अतिरिक्त यदि प्रयाग  या प्रयागराज रामबाग  स्टेशन पर है तो टेम्पो से सीधे पहच सकते है । यह संगम मार्ग पर स्थित है यदि संगम स्नान के उपरांत पहुचना चाहते है तो भी आसानी से पैदल या टैक्सी की सहायता से पहुच सकते है ।

इसी के साथ मै सभी सुधी पाठकजनों को नवरात्री के पवन पर्व की बधाई देता हूँ और माँ भगवती सभी का कल्याण करे कि ढेर साडी शुभकामनाये