गुरुवार, 30 जुलाई 2020

सम्पूर्ण भारत के सभी ग्राम सभा के आय और व्यय को कैसे जाने ।

भारत एक विशाल देश है । यह कई 29 राज्य एवम 7 केंद्र शासित प्रदेश है। देश के जन जन का कल्याण हो इसके लिए इसे निचले स्तर पर जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत में बांटा गया है जिससे हर वर्ग के लिए भारत की योजनाएं दी जा सके।
भारत की आजादी के बाद लीडरशिप लोगो के कल्याण के लिए होती थी लेकिन दुर्भाग्यवश अब लोग जान प्रतिनिधि बनकर सभी योजनाओं को कुछ छोटे मूल्य में बिक्री कर रहे है । यह सांसद, मंत्री से लेकर प्रधान जैसे जनसेवक सभी बंदर बाँट में लगे है जिसमे सरकार के द्वारा नियुक्त अधिकारी भी सहयोग दे रहे है।

भ्रष्टाचार की चरम सीमा जो भी हो उसे भी लांघकर इस तरह के दुरुपयोग किया जा रहा है। विभिन्न समितियों, सामाजिक कार्यकर्ता और न्यायालयों के संदर्भ से सभी विभाग को अपने कार्य, लेखाजोखा और प्रगति को ऑनलाइन करने के लिए आदेशित किया गया है। 

अब हम उक्त विषय पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ। यह विषय आज के नौजवानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि देश की दशा और दिशा केवल युवा शक्ति ही बदल सकती है। 
 ग्राम पंचायत में आने वाले धन का दुरुपयोग न हो या उसके लिए ई ग्राम स्वराज एप्पलीकेशन और वेबसाइट भारत सरकार ने जारी किया है जिसमें भारत के सभी राज्यों के पंचायत का आय व्यय का ब्यौरा दिया गया है । 

आपका ध्यान इधर भी आकर्षित करना चाहता हूं कि कुछ कार्य बिना किये ही कागजों पर हो जाता है और पैसे सचिव और प्रधान द्वारा निकल लिया जाता है । ऐसे में किसी को भी पता नही चल पाता।


स्वयंसेवी संस्था NGO

स्वयंसेवी संस्था क्या है ?

स्वयंसेवी संस्था, सामाजिक कार्यो में जुडे हुए व्यक्तियों का समूह होता है। यह संस्था पंजीकृत और  अपंजीकृत दोनों अवस्था में हो सकती है।  संस्था का पंजीकरण उन दशाओ में अति आवश्यक होता है जब समाज के विभिन्न कार्यो के लिए सरकार  या व्यक्तिगत संस्थानों से वित्त /अनुदान प्राप्त होता है।


आय  के श्रोत :

1.  समाज के लोगो द्वारा
2 . सरकार  के द्वारा
3 . कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR)
4 . विदेशी फण्ड ( इसके लिए FCRA पंजीकरण आवश्यक है. )

 स्वयंसेवी संस्था के कार्य :
स्वयंसेवी संस्था समाज के विभिन्न आयामों को संचालित करती है जिससे समाज सामाजिक, आर्थिक उन्नयन  स्व-रोजगार , धार्मिक एवं विशेष रूप से  स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा और अच्छी जिंदगी जीने के लिए जागरूकता और कार्य करती है।  यह कार्य समाज के लोगो के धन संग्रह , कॉर्पोरेट के सहयोग से एवं सरकार के विशेष अनुदान से करती है।

स्वयंसेवी संस्था का पंजीकरण  :

संस्थाए जब पंजीकृत की जाती है, उस समय कार्य और उद्देश्य की लिखित प्रति सोसाइटी रजिस्ट्रेशन कार्यालय में जमा किया जाता है।  संस्था का पंजीकरण THE SOCIETIES REGISTRATION ACT, 18602[2] (Act XXI of 1860) के अंतर्गत किया जाता है।

संस्था का कार्यान्वयन:
संस्था का कार्यान्वयन विशेष रूप से स्वयंसेवको (Volunteer) एवं संस्था में कार्यरत लोगो के द्वारा स्टाकहोल्डरो की मदद से होता है। इस कार्य के लिए सामाज के लोगो का विशेष   सहयोग अपेक्षित होता है। 

सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम १९६० डाउनलोड करने के लिए क्लिक करे।