शनिवार, 11 अप्रैल 2020

मानव तस्करी (बाल तस्करी )

मानव तस्करी की परिभाषा :-  

मानव तस्करी सीधा अर्थ है कि  किसी व्यक्ति को अपने कब्जे में लेकर बंधुआ मजदूरी , यौन/देह  व्यापार , अंग प्रत्यारोपण करवाने से है। Raj Bahadur Vs. Legal Remembrance AIR 1953 Cal. 522 के अनुसार "शरीर और श्रम के लिए गाजर-मूली की तरह मनुष्यो की खरीद-फरोख्त  करना ही मानव तस्करी है ।"
CHILD TRAFFICKING
 तस्करी  CHILD TRAFFICKING


मानव तस्करी सम्बंधित तथ्य :


  • ड्रग तस्करी के बाद दूसरा सबसे बड़ा आपराधिक उद्योग।

  • 2.70 करोड़ लोग दुनिया भर में मानव तस्करी के शिकार हैं।

  • 95% शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करते हैं

  • भारत में 40 लाख वेश्याएं

  • उनमें से 40% नाबालिग हैं

  • मानव तस्करी की शिकार 80% महिलाएं और लड़कियां हैं



बाल तस्करी :-

बच्चों की तस्करी शोषण के उद्देश्य से भर्ती, परिवहन, स्थानांतरण,यौन-उत्पीड़न,बाल-श्रम, बल-विवाह  शामिल है। बच्चों का व्यावसायिक यौन शोषण कई रूप ले सकता है, जिसमें एक बच्चे को वेश्यावृत्ति में शामिल करना या यौन गतिविधियों या बाल पोर्नोग्राफ़ी के अन्य रूप शामिल हैं। बाल शोषण में जबरन श्रम या सेवाएं, दासता, सेवाभाव, अंगों व्यापार ,बाल विवाह के लिए तस्करी, बाल सैनिकों के रूप में भर्ती, भीख मांगने में उपयोग शामिल किया जाता है। वर्तमान समय में भारत की सबसे प्रमुख समस्याओं में से एक है। हमारे देश में हर 8 मिनट में एक बच्चा लापता होता है। वर्ष 2011 में लगभग 35,000 बच्चों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, जिसमें से 11,000 से ज्यादा बच्चें तो सिर्फ पश्चिम बंगाल से थे।

बाल तस्करी क्यों ? :-

बाल तस्करी विशेषतः वेश्यावृत्ति, घरेलू गुलामी,मानव अंग व्यापार एवं अन्य कारणों  जैसे  भीख मांगना, मनोरंजन,बंधुआ काम , बाल विवाह, मनोरंजन, दत्तक ग्रहण,कामोद्दीपक चित्र, फैक्टरी और खेत दासता
के लिए किया जाता है।

तस्करी में प्रवेश :- 

बाल  तस्करी में प्रवेश में विभिन्न परिस्थियां धोखा  ,झूठे वादे, अपनापन,हिंसा, प्रवंचना, प्यार और देखभाल का अभाव एवं नौकरी की खोज से होती है। 


बाल तस्करी के कारण :-



  • दरिद्रता (गरीबी)
  • नागरिक अशांति
  • बेरोजगारी 
  • प्राकृतिक आपदा
  • निरक्षरता
  • बाल शोषण
  • प्रवास

बाल तस्करी का प्रभाव :-



  • परिवार और समुदाय से समर्थन का नुकसान।
  • उचित शिक्षा का नुकसान।
  • शारीरिक विकास में बाधा।
  • मनोवैज्ञानिक आघात।
  • समाज से अलगाव।
  • बाल अधिकारों का शोषण।


अगर हम नज़रअंदाज़ करें, तो? :-


  • बच्चों का अधिक शोषण।
  • बच्चे एकाकी हो जायेंगे ।
  • अभियोजन पक्ष के तस्करी से बच्चों का अधिक शोषण होगा।
  • यह प्रक्रिया ऐसे ही सघन होती रहेंगी।
  • इसे नजरअंदाज किया जाता रहेगा।

बच्चे इन विशेष सुरक्षा अधिकार के अधिकारी है :-


लिंग भेदभाव।
जातिगत भेदभाव।
विकलांगता।
कन्या भ्रूण हत्या।
घरेलु हिंसा।
बाल यौन शोषण
बाल विवाह।
बाल श्रम।
बाल वेश्यावृत्ति।
बच्चों का अवैध व्यापार।
बाल बलिदान।
स्कूलों में शारीरिक दंड।
परीक्षा का दबाव और छात्र की आत्महत्या।
प्राकृतिक आपदा।
एचआईवी / एड्स।

               
कमी क्या है ?


  • दृष्टिकोण 
  • क्षमता 
  • इच्छा-शक्ति 
  • जन-सहयोग
  • संकेन्द्रण
  • पर्यवेक्षण एवं समीक्षा 

बाल अधिकार संबंधित अधिनियम 


  • बाल श्रम (निषेध व नियमन) कानून 1986
  • कारखाना अधिनियम 1948
  • किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE)
  • POCSO अधिनियम, 2012
  • बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 
  • दिव्यांगजन अधिकार नियम, 2017
  • अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, 1956 
  • बाल अधिनियम, 1960 


बाल अधिकार के संवैधानिक अनुच्छेद 


  • अनुच्छेद 21(ए) के अनुसार राज्य के लिए  6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य तथा मुफ्त शिक्षा देना कानूनी रूप से आवश्यक है तथा राज्य ऐसा करने के लिए बाध्य है।

  • संविधान की धारा धारा 24 के अनुसार 14 साल के कम उम्र का कोई भी बच्चा किसी फैक्टरी या खदान में काम करने के लिए नियुक्त नहीं किया जायेगा और न ही किसी अन्य खतरनाक उद्योग में नियुक्त किया जायेगा।

  • धारा 39-ई  में इस बात का उल्लेख है कि राज्य अपनी नीतियां इस तरह निर्धारित करेंगे कि श्रमिकों, पुरुषों और महिलाओं का स्वास्थ्य तथा उनकी क्षमता सुरक्षित रह सके और कम उम्र  के बच्चों का शोषण न हो तथा वे अपनी उम्र व शक्ति के प्रतिकूल काम में आर्थिक जरुरतों के लिए न करें।

  • संविधान की धारा धारा 39-एफ में इस बात का उल्लेख है कि बच्चों को स्वस्थ तरीके से स्वतंत्र व सम्मानजनक स्थिति में  विकास के अवसर तथा सुविधाएं दी जायेंगी और बचपन व जवानी को नैतिक व भौतिक दुरुपयोग से बचाया जायेगा ।

बाल अधिकार सम्बंधित सरकारी एवं स्थानीय सहयोगी 

  • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)
  • चाइल्ड लाइन 1098 
  • पुलिस 
  • चाइल्ड -वेलफेयर -समिति  (CWC)
  • स्वयं सेवी संस्था 
  • यूनिसेफ 

बाल तस्करी का पीडीएफ के लिए क्लिक करे।
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