मंगलवार, 4 अप्रैल 2017

जल का संरक्षण

सूखा , वर्षा, त्रासदी , पानी के सब मूल ।
जल का दोहन न करे , प्रकृति होगी प्रतिकूल ।।

प्रकृति होगी प्रतिकूल ,पड़ेगा भयंकर सूखा ।
वन, पक्षी और मानव , बूँद बूँद को तरसा ।।

कहत कवी अनुराग , जल का करो संरक्षण ।
प्रकृति होगी खुशहाल , सबका होगा रक्षण ।।

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